नेटफ्लिक्स पर एक मूवी आई है कला नाम से। तो फटाफट जानते हैं कि कैसी है ये मूवी वेल। सीधे पॉइंट की बात करें तो ये मूवी हर किसी के लिए तो बिल्कुल भी नहीं है ना ऐक्शन ना मसाला ना फालतू की डायलॉगबाजी ना डाची डाक टिकट म्यूजिक बट इस इसमें है प्योर ऐक्टिंग प्योर इमोशंस एक प्रॉपर पीरियड ड्रामा एंड सूदिंग म्यूजिक।
कहानी है एक लड़की की जो अपने गाने और आवाज के थ्रू अपनी पहचान बनाना चाहती है पर एक और है जिसका गला भी अच्छा है पर आगे बढ़ती है। लड़की और वो जैसे जैसे आगे बढ़ती है वैसे वैसे उसकी मेंटल कंडीशन बिगड़ती जाती है। उसके सामने अजीब सी बातें होने लगती है। वो अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाती पर क्यों? उसका आंसर तो आपको फिल्म ही देखने को मिलेगा। पर सच बोलूँ तो मैंने ये मूवी बाबिल खान के लिए देखी है। इरफान खान जी के बेटे की।
क्या इरफान सर की एक्टिंग का जादू उनके बेटे में भी है? सच कहूं तो उन्होने निराश नहीं किया। अब उनकी ये पहली फिल्म या कहें डेब्यू फिल्म है तो फिलहाल उनके पास बहुत टाइम है। अपने ऊपर काम करके खुद को निखारने के लिए। बात अगर फिल्म की करे तो देखो फिल्म एक सटल टोन पर एक जैसी चलती रहती है। एक डार्क ग्रीन पैलेट में थोड़ा ओल्ड लुक दिया गया है। बस थीम के हिसाब से वो सही भी था क्यूंकि इस स्टोरी में हैपनिंग सा ऐसा कुछ भी नहीं है।
पूरी स्टोरी थोड़े साइड स्लो पेस पे चलती रहती है। बैकग्राउंड में एक इंटेंस म्यूजिक चलते रहता है जिससे हो सकता है कि बहुत से लोग जो मसाला मूवीज देखना पसंद करते हैं या हैपनिंग मूवीज देखना पसंद करते हैं, उनको ये थोड़ी बोरिंग टाइप लगे। ऐसी मूवीज का अपना एक अलग ऑडियंस है जिसमें आर्ट या आर्टिस्ट की बात होती है। आर्टिस्टिक पहलुओं पर फोकस किया जाता है। इस फिल्म की फ्रेमिंग ऐसी है ना के ऐसा लगता है कि हर एक फ्रेम एक पुरानी तस्वीर या पुरानी पेंटिंग हो।
खूबसूरत और मीनिंगफुल डिवीज़न कुछेक जगह सिनेमैटोग्राफी और वीएफएक्स का जो मिक्स किया गया है, कमाल है। इसके मीनिंग कुछ ज्यादा ही डीप चले गए जो बहुत ही जनरल ऑडियंस जो होते हैं ना। उनके सोच के भी परे है। एंड ग्लास में मूवी का प्लॉट मेंटल हेल्थ पर भी फोकस करता है और ये समझाने की कोशिश करता है कि सुनो कोई अगर तुमसे कुछ कहना चाहता है अपने दिल की बात बताना चाहता है तो लिस्ट सुनो क्योंकि यू नेवर नो के आगे वाला बंदा जो तुमको अपनी प्रोब्लम्स बताना चाहता है, किस मेंटल कंडीशन से गुजर रहा है।
शायद वो तुम्हें अपना समझ के तुम से हेल्प मांगने की कोशिश कर रहा हो। सो ओरल मूवी का टॉपिक थोड़ा हटके है। मूवी स्टार्टिंग में बोर लग सकती है पर अगर हाफ में एंगेजिंग भी बन जाती है साथ ही आपको ये भी बता दूं कि ये मूवी फैमिली फ्रेंडली तो नहीं है। मतलब डायरेक्टली ऐसा कोई सीन नहीं दिखाया गया पर एक दो सीन हैं। इसमें जो समझ में आता है कि चल क्या रहा है। सो अगर आप एक डार्क इंटेंस ड्रामा देखने का शौक रखते हो तो हां, आप ये मूवी देख सकते हो। मैं दूंगा। इस मूवी को थ्री आउट ऑफ फाइव स्टार्स मिलते हैं ।
tvf tripling season 3 review | tvf tripling season 3 review imdb