
OMG 2 Movie review in hindi
OMG 2 देखी है मैंने थिएटर्स में और ट्रेलर आने के बाद जो कुछ भी इस मूवी के साथ हुआ है लाइक सेन्सर बोर्ड के 27 चेंजेस लोगों में भगवान को सेक्स एजुकेशन के साथ जोड़ने को लेकर मिसअंडरस्टैंडिंग एंड ऑल वो सब बात करेंगे हमारे इस OMG 2 के रिव्यु में तो वेल हैलो।
मैं कहूंगा सेन्सिटिव है इतना के कोई भी साधारण परिवार एक साथ बैठकर इस मूवी को शायद नहीं देख पाएगा ऐंड इसीलिए इस मूवी को नहीं सर्टिफिकेट भी मिला है। इट्स अबाउट टीनएज सेक्स एजुकेशन जिसके बारे में हर किसी को पता होना एजुकेट होना बहुत ज़रूरी है। पर आज तक ऐसी कोई फ़िल्म नहीं आई जिसमें ऐसे टॉपिक पर बात की जा सके ऐंड ये फ़िल्म बहुत ही डिटेल खुलकर बट ऐसे लैंग्वेज ऐंड प्रूफ्स के साथ ऐडल्ट एजुकेशन को आपके सामने रखती है, जिससे टीनेजर्स के बीच चलती सेक्स को लेकर मिसअंडरस्टैंडिंग गेंद लैक ऑफ नॉलेज को दूर कर देंगे।
मूवी ढ़ाई घंटे की है बट सच कहूँ तो जीस तरीके से ये सीधा अपने मुद्दों को सामने रखकर कॉमिक वे में सिरिअस मुददे को प्रेज़ेंट करती है। आप पूरे फ़िल्म में कहीं पर भी बोर फील नहीं करेंगे और हाँ, लोगों में जो मिस अंडरस्टैंडिंग है कि भगवान को सेक्स एजुकेशन के साथ कैसे जोड़ दिया तो उनको मैं एक ही सलाह दूंगा के बिना मूवी देखे किसी भी तरह की गलत परसेप्शन नहीं लगानी चाहिए। मूवी स्टार्टिंग से ही इस मुददे को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। उस पर पूरे फ़िल्म में टिक्की रहती है और जिन शब्दों के साथ जिन डायलॉग्स के साथ वो मुद्दा आपके सामने रखा जाता है, उससे आप कन्विंस भी हो जाओगे।
हालांकि, सेंसर के चेंजेज के बाद बहुत से डाइलॉग में बोलते वक्त मैच नहीं करती। आई मीन उन उन जगह पर डायलॉगस ऐब्सलूट ली चेंज किए गए हैं और वो दिखता है एंड आई डोंट नो। क्या वह इसके पहले कौन से डाइअलॉग्स थे? इवन लोगों की भगवान के लिए श्रद्धा का मान रखते हुए जो रेलवे का पानी वाला सीन जो नहाने वाला सीन है शिव भगवान का, वो भी काफी क्रिएटिव ली चेंज किया गया है। आप मूवी देखोगे, आपको पता चल जायेगा। बट वो कहते है ना जो होता है, अच्छे के लिए होता है तो जीतने भी कट्स लगे हों या चेंजेज हुए हो। मुझे नहीं लगता की इस मूवी को देखने में किसी भी तरह की कोई शर्म आनी चाहिए या किसी को आपत्ति होंगी। जो भी एट्टीन प्लस है वो इस फ़िल्म को आराम से देख सकते हैं, लेकिन फैमिली के साथ देखने में झिझक जरूर होगी ऐंड आइरन निकली ये मूवी कुछ यहीं समझती है की फैमिली ही सबसे पहले टीनेजर्स की प्रॉब्लम्स को समझे तो बेहतर है।
तो हो सके तो मैं फैमिली के बड़े बुजुर्गों से भी रिक्वेस्ट करूँगा कि इस मूवी को खुले दिमाग से देखें। बाकी एक्टिंग की अगर बात करूँ तो सभी ने अच्छी की है एंड डोंट गेट मी रॉन्ग बट ये मूवी अक्षय कुमार की है ही नहीं। हाँ वो इस मूवी में है। बट ऐसा समझ के चलो कि उनका रोल बस एक एक्स्टेंडेड कैमियो जितना ही है ऐडजस्ट इंटरवल के पहले उनका 15-20 सेकंड का शॉट है यार जहाँ वो पूरे भाषण के साथ ऐसे लिपटे हुए हैं पूरे सफेद, सफेद गौर। येस बट इस मूवी को अपने कंधों पर उठाकर चलते हैं। हमारे प्यारे पंकज त्रिपाठी सर प्यारे इसलिए बोल रहा हूँ के बहुत ही भोलेपन से उन्होंने अपने किरदार को जिया है।
उनका हर डाइलॉग आपके चेहरे पर स्माइल भी ला देगा और सोचने पर मजबूर भी कर देगा कि हमारे जीवन में ऐडल्ट एजुकेशन का कितना ज्यादा इम्पोर्टेन्स है। साथ ही में यामी गौतम ने एक नेगेटिव शेड के लॉयर का रोल बहुत ही बखूबी निभाया है। एंड अगेन तारीफ करना चाहूंगा उस तीन एज ऐक्टर की, जिसके इर्द गिर्द इस फ़िल्म की कहानी घूमती रहती है। ओवरऑल अगर देखा जाए तो इस फ़िल्म की खूबसूरती यह है कि फ़िल्म आप को एजुकेट करने के साथ साथ एंटरटेन भी बहुत अच्छे से करती है, जिसमें आप पूरी तरह इन्वॉल्व हो जाते हो ऐंड बहुत दिन बाद मुझे खुशी हो रही है कि मैं किसी मूवी को फ़ोर स्टार देने की हिम्मत कर रहा हूँ। बाकी मैं यही कहना चाहूंगा कि डोंट जज के बुक बी इट्स कवर मूवी देखो और आप को सब समझ में आजायेगा मिलते है